04 मई, 2016

अंधी भीड़

पत्थरबाजी के लिए चित्र परिणाम
जुटी भीड़ एक जलसे में 
एक समूह ने कुछ कहा 
चर्चा पर चर्चा हुई 
आनन् फानन मेंबात बढी
जाने क्या बात हो गई 
आपस में तकरार हो गई 
पहले बहस फिर हाथापाई 
फिर पत्थरबाजी शुरूहुई 
पत्थर से पत्थर टकराए
 चिंगारियां उड़ने लगीं 
कब चिंगारी आग में बदली 
कोई नहीं जान पाया 
भागमभाग ऐसी  मची 
कोई भागा कोई गिरा 
लड़ाई झगड़ा भूल गए 
पलायन में ही हित समझ 
बाहर आ कर दम लिया 
दमकल आई आग बुझाई 
 बड़ा हादसा टल गया 
जन हानि ना हुई होना था जो हुआ 
  मजा जलसे का  किरकिरा हुआ |
आशा


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