18 अप्रैल, 2015

एक रूप प्रेम का


मीरा ने घर वर त्यागा 
लगन लगी जब मोहन में
 विष का प्याला पी लिया
शीष नवाया चरणों में |
सूर सूर ना रहे
कृष्ण भक्ति की छाया में 
सारा जग कान्हां मय लगता 
तन मन भीगा उनमें  |
तुलसी रमें राम भक्ति में 
रामायण रच डाली
राम रसायन ऐसा पाया 
भक्ति मार्ग अपनाया |
एक रूप प्रेम का भक्ति 
लगती बड़ीअनूप
नयन मूँद करबद्ध हो 
जब शीश झुके प्रभु चरणों में |

आशा






16 अप्रैल, 2015

नया माली





नया नया माली बना 
एक गमला लाया 
मिट्टी भरी 
खाद डाली 
बीज बोया 
जल से सींचा 
 उत्सुक था
जाने कब उगेगा 
प्रातः उठाता 
गुड़ाई करता 
पानी देता 
खरपतवार तो उगे 
पर बीज बेचारा
 सुप्त ही रहा 
अंकुरित ना हो पाया 
देखरेख में 
कमीं नहीं थी 
उपक्रम नित जारी था 
माली का धैर्य छूटा 
सारा श्रम व्यर्थ हो गया 
था हैरान परेशान 
किताब पढ़ कर 
 सब किया था
फिर असफल क्यूं 
बीज ना उगना था न उगा
समझ नहीं पाया 
था बीज नकली 
या वहअकुशल  |
आशा







13 अप्रैल, 2015

वास्तविकता



लोन कितना ले के लिए चित्र परिणाम
आधुनिकता की दौड़ में
पिछड़ने से डरते
दुनिया की चकाचौंध में
अपना वजूद खोजते |
दूसरों की होड़ में
उधारी में फंस जाते
असंतोष में जीते
वर्तमान भी बिगाड़ते |
एक धरा दूसरा आसमान
हो दौनों की क्या तुलना
तुम लोनची  वो लोन  फ्री
 सोच भिन्न दौनों का  |
तुमने पैर पसारे
अपनी चादर के बाहर
वो छोड़ नहीं पाया
 अपनी चादर की हद |
वर्तमान में  कठिनाई
भविष्य सुरक्षित रखतीं
खुश हाल जीवन होगा
यही सुनिश्चित करतीं |
जो केवल लोन  पर जीता
सदा  समस्याओं से घिरा
हंसना तक भूल जाता
जीवन को बोझ समझता |
लेनदेन की चिंता में
शरीर सुख भी जाता
चिंता चिता सामान
 सत्य नजर आता |