12 मई, 2014

रिश्ते



  1. रिश्ते :-
    कैसे ये रिश्ते
    पल में बदलते
    सतही होते |

    बनाया रिश्ता
    स्नेह से अपनाया
    नहीं टूटता |

    यूं अचानक
    दिल से दिल मिले 

    रिश्ता  है एक |



    रेत के ढेर
    हवा में उड़ते हैं
    रिश्ते बे पैर |

    रिश्ते सुहाने
    जब क्षीण हो जाते
    होते बहाने |

    दृग बोलते
    तुम न समझते
    भ्रमित होते |


    आशा

    ·

19 टिप्‍पणियां:

  1. रिश्ते सुहाने
    जब क्षीण हो जाते
    होते बहाने |
    बहुर उम्दा प्रस्तुति ।

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  2. रिश्तों को सहेजना भी एक कला है। रिश्ते एक बार जब टूट जाते हैं तो फिर से बड़ी देर में बनते हैं। सरल भाषा में एक सुंदर प्रस्तुति।

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  3. रिश्तों को बाखूबी विविध रंगों में उतारा है इन हाइकू में ...

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  4. यूं अचानक
    दिल से दिल मिले
    रिश्ता है एक |
    ..बहुत सही .

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  5. बनाया रिश्ता
    स्नेह से अपनाया
    नहीं टूटता |
    सच कह दिया आपने , सुन्दर प्रस्तुति

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