25 दिसंबर, 2012

नया अंदाज

क्या देख कर
 मुस्कुरा रही हो
जाने  क्या सोच रही हो
सभी को लुभा रही हो |
तुम्हारे चेहरे  का नूर
यह आँखों की चमक
कहती है बहुत कुछ
घुल जाती  मिठास मन में
तुम्हें देख कर |
सरिता भावों से भरी
करती भाव बिभोर
कोई त्रुटि न रह जाए
मन  में रहता भय 
जमाने की बुरी नजर
 से बचाए तुम्हे कैसे |
रहो सदा ऐसी ही
है कामना यही
प्यार भरे अंदाज का
 अदभुद उपहार यही |
आशा 




10 टिप्‍पणियां:

  1. घुल जाती मिठास मन में
    तुम्हें देख कर...
    --------------------
    बेटियों को आशीष....

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  2. बेटियां ईश्वर का दिया सबसे खूबसूरत प्यारा सा उपहार हैं... सुन्दर रचना... आभार आपका

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  3. घुल जाती मिठास मन में
    तुम्हें देख कर -सही कहा आपने
    नई पोस्ट : जागो कुम्भोकर्नो

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  4. सही बात ..कुदरत का एक अनूठा उपहार

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  6. आहना की इतनी प्यारी तस्वीरें देख कर मन मुग्ध हो गया ! रचना भी उतनी ही प्यारी है !

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  7. दिल के भावों से स्नेह प्रकट होता है. आपके आशीष से नूर बरसता है.
    स्मिता.

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